(*Required fields)
Please fill in ALL of the required information to submit this form.
Scroll
एवॉस्कुलर नेक्रोसिस या AVN का प्रभाव केवल कूल्हे की हड्डी या फीमर के सिर में होता है हमें ऐसा लगता है! लेकिन यह सच नहीं है। एवॉस्कुलर नेक्रोसिस को ओस्टीओनेक्रोसिस भी कहा जाता है एक व्यापक अर्थ में ये समानार्थक शब्द हैं। हड्डी के ऑस्टीओनेक्रोसिस – क्षय कई अन्य कारणों की वजह से हो सकता है। लेकिन एवॉस्कुलर नेक्रोसिस के मुख्य कारण है – रक्त की आपूर्ति के साथ समस्या। अन्यथा अस्थिगलन या ऑस्टीओनेक्रोसिस अलग अलग परिस्थितियों की वजह से हो सकता है। परन्तु एवॉस्कुलर नेक्रोसिस या AVN में हिप ही अकेले प्रभावित होती है ऐसा नहीं है। अन्य हड्डियों के जोड़ जैसे घुटना या फीमर और अन्य हड्डियां इस रोग से ग्रस्त हो सकते हैं।
एवॉस्कुलर नेक्रोसिस सबसे अधिक लंबी हड्डियों के सिरों को प्रभावित करता है जैसे की फीमर (हड्डी घुटने के जोड़ से संयुक्त कूल्हे का विस्तार) ।अन्य हड्डियां जैसे घुटने, कंधे, एड़ियों और जबड़े भी इस समस्या से प्रभावित हो सकते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है की जबड़े की तरह छोटी हड्डियाँ भी इस बीमारी के चपेट में आ सकती हैं।
मूल रूप से यह आयुर्वेद की विशिष्टता है कि यह पूरे शरीर को एक इकाई की तरह देखता है।इसीलिए आयुर्वेद में विशेषज्ञता की अति आवश्यकता नहीं है। एक असल वैद्य वही है जो रोगी की परीक्षा करके उसके सभी अंगों की स्तिथि का अनुमान लगा पाए। एवॉस्कुलर नेक्रोसिस स्तिथि में एक ही दृष्टिकोण काम करता है। जो हड्डी प्रभावित होती है, आयुर्वेद में बहुत थोड़ा मायने रखती है। मायने क्या रखता है वह है कारण। AVN के उपचार में दृष्टिकोण मायने रखता है।
मुख्य दृष्टिकोण हड्डी के अंत तक रक्त की उचित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए है। एक बार जब हम इस रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकते हैं हम इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।हमने बहोत से रोगियों में यही एकमात्र कारण पाया है AVN की कक्षा में उलट।
अधिकांश लोग सोचते हैं अगर जिस भी बोन में एवॉस्कुलर नेक्रोसिस है उसे बदल देना पर्याप्त है। परन्तु यह ज़रुरी नहीं है । इस हालत इस तरह की है जैसे कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी की वजह से प्रभावित हो रही हैं के साथ एक समस्या है। जो “रखते हुए” हड्डी बरकरार के लिए जिम्मेदार हैं – आश्चर्यजनक कोशिकाओं अस्थिकोरक। जब इन कोशिकाओं को काम बंद, हड्डी खस्ताहाल शुरू होता है। यह avascular परिगलन में बुनियादी समस्या है।……………………………………..????
तो कुल कूल्हे को देखने का बावजूद replacement- आप हिप रिप्लेसमेंट से बच सकते हैं और निश्चित रूप से आयुर्वेद के माध्यम से आप कर सकते हैं हिप रिप्लेसमेंट से बचने के भी।

Vaidya Dr. Pardeep Sharma is M.D. in Ayurveda from prime institution of Ayurveda- National Institute of Ayurveda. Vaidya Dr. Pardeep is providing the person who first time reversed the – progressive cases of Avascular Necrosis through Ayurveda and Panchakarma treatment.